Tuesday, August 23, 2011

तो क्या पाओगी................

प्यार मुझ से जो किया तो क्या पाओगी
मेरे हालात की आंधी में, बिखर जाओगी

रंज और दर्द की बस्ती का, मैं बाशिंदा हूँ
ये तो बस मैं हूँ, के इस हाल में भी ज़िंदा हूँ
ख्वाब क्यों देखू, कल जिस पे मैं शरमिंदा हूँ
मैं जो शरमिंदा हुआ, तुम भी तो शरमाओगी

क्यों मेरे साथ कोई और परेशान रहे
मेरी दुनियाँ हैं जो वीरान तो वीरान रहे
जिन्दगी का ये सफ़र तुम पे तो आसान रहे
हमसफ़र मुझ को बनाओगी तो पछाताओगी

एक मैं क्या अभी आयेंगे दीवाने कितने
अभी गुन्जेंगे मोहब्बत के तराने कितने
जिन्दगी तुम को सुनाएगी फ़साने कितने
क्यों समझती हो मुझे भूल नहीं पाओगी

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