Saturday, January 20, 2018

लग जा गले से ...

लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो 
लग जा गले से ... 

हमको मिली हैं आज, ये घड़ियाँ नसीब से 
जी भर के देख लीजिये हमको क़रीब से 
फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो 
फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो 
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो 

पास आइये कि हम नहीं आएंगे बार-बार 
बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार 
आँखों से फिर ये प्यार कि बरसात हो न हो 
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो 
लग जा गले कि फिर ये हस्सीं रात हो न हो 
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो 
लग जा गले कि फिर ये हस्सीं रात हो न हो

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