Monday, September 19, 2011

नरेन्द्र मोदी भारत के अगले प्रधान मंत्री, क्या आप सहमत हैं

गुजरात दंगो के लिए माननीय नरेन्द्र मोदी जी और भाजपा बिलकुल भी जिम्मेदार नहीं थे, ये सारी की सारी चाल कांग्रेस की और उनके कार्यकर्ताओं की थी एक सोची समझी साजिश थी! कियोकी कभी भी वो पार्टी जो सत्ता में हो वो कभी नहीं चाहेगी की उसके राज्य में जरा सी भी हलचल हो कियोकी इससे पार्टी की छवि खराव होने का खतरा होता है. तो आप ही बताये की की गुजरात दंगो के लिए कौन जिम्मेदार है.
27 फरवरी 2002 को अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों को साबरमती एक्सप्रेस की एस-6 बोगी में बाहर से घेर कर जीवित जला दिया गया था। इस नरसंहार की सुरुआत एक चाय की दूकान से हुई थी चाय वालों ने ट्रेन में बैठे लोगो से झगड़ा किया जाहिर है कभी ट्रेन में बैठे यात्री झगडा नहीं करते जब वो किसी दूसरे शहर में होजाहिर है की चाय वालों ने ही झगड़ा किया होगा और ट्रेन किसी रेलवे स्टेशन पे २ -३ घंटे तो नहीं रूकती फिर इतनी जल्दी इतने सारे लोग कहा से आ गए फिर जिस पेट्रोल को ट्रेन जलाने में प्रयोग किया गया था वो पेट्रोल उसी चाय की दूकान से आया था ज़ाहिर है रेलवे स्टेशनपर कार या स्कूटर तो आते नहीं शायद ट्रेन भी पेट्रोल से नहीं चलती और न ही किसी ने ऐसा स्टोव भी नहीं बनाया जो पेट्रोल से चलता हो फिर १०० लीटर पेट्रोल उस चाय की दूकान पे किस लिए लाया गया थाऔर मुख्य दोषी ये थे - हाजी बिलाल, सलीम जर्दा, शौकत अहेमद चरखा उर्फ लालू (फरार), सलीम पानवाला (फरार), जबीर बिनयामीन बहेरा, अब्दुलरजाक कुरकुरे, अब्दुलरहेमान मेंदा उर्फ बाला, हसन अहेमद चरखा उर्फ लालु, महेमुद खालिद चांद आदि शामिल थे। इनकी सहायता के लिए एक सहायक टीम भी बनाई गई थी, जिसमें फारुक अहमद भाण(फरार), महंमद अहमद हुसेन उर्फ लतिको, इब्राहिम अहमद भटकु उर्फ फेटु (फरार) शामिल थे। करीब ६३ आरोपी और थे जिनको सबूतों के आभाव में बरी कर दिया गया था अब इतने लोग तो फाइव स्टार रेस्तरा में नहीं होते तो चाय की दुकान पे कैसे होंगे और सबसे बड़ी बात जो गोधरा कांड का मुख्य आरोपी है हाजी बिलाल जो उस समय कांग्रेस का तत्कालीन पार्षद था जिस पे आरोप सिद्ध हुआ है। न्यायालय ने उसे मौत की सजा सुनाई है। अब और भी कई बड़े कांग्रेस के नेता इसमें सामिल थे पर वो सभी परदे के पीछे है कांग्रेस कियो हमेशा राजधर्म और गुजरात दंगों और अल्प्शंख्यकों का राग अलापती रहती है 
कांग्रेस के हाथ 2014 चुनावों में खाली ही है , उसकी तरकश में ऐसा कोई तीर नहीं है, जिस को चला के फिर से सत्ता सुख मिल सकें , और कांग्रेस को ये डर भी सता रहा है , की कई मोदी को बीजेपी ने सामने ला दिया जनता के तो कई कांग्रेस बिखर ना जाएँ , क्यूंकि कांग्रेस जानती है मोदी को टक्कर राहुल गाँधी ही दे सकतें है , लेकिन राहुल 2014 चुनाव के लिए परिपक्व नहीं है , और देश मोदी और राहुल के सामने , मोदी को ही तरजीह देगा || मोदी की टक्कर का कोई भी नेता कांग्रेस के पास नहीं है , इसी लिए मोदी को बदनाम कर के , 2002 के दंगो के जख्मों को कुरेद कर के अपनी खीज मिटा रही है| पूरी कांग्रेस और विकासविरोधी लोग ये बात कह रहें है की मोदी ने राजधर्म नहीं निभाया, लेकिन हद तब हो गयी जब गुजरात कांग्रेस के नेता ने, मोदी की तुलना कसाब से कर दि , तो मुझे लगा की लोगो को राजधर्म बताना चहिये , राज धर्म होता क्या है और क्या हर नेता अपना राज धर्म निभा पाता है?
भारत से पाकिस्तान अलग हुआ तब क्या गाँधी जी ने राज धर्म निभाया था ?
सिक्खों पे इतने हमले हुए , तब क्या इन्द्रा गाँधी ने राज धर्म निभाया था ?
भूत की बात छोडिये वर्तमान की कांग्रेस सरकार क्या राज धर्म निभा रही है ?
हर माह देश में आतंकवादी हमले हो रहें है , हजारों बेकसूर लोग अपनी जान गँवा रहें है , लेकिन सरकार आतंकवादी की सुरक्षा कर रही है , आम जनता की नहीं, क्या यह राजधर्म है ?
आम आदमी भूख से मर रहा है , पर लाखों टन अनाज सड रहा है , अरबों रुपये के घोटाले करने वाले नेता तिहाड़ में मौज मना रहें है, और एक साइबर कैफे के मालिक जिसके यहाँ से सिर्फ मेल भेजा गया है , वो कड़ी सजा पा रहा है , क्या ये राजधर्म है ?
क्या सीबीआई का दुरूपयोग करना , और आम आदमी जो आप की खिलाफत करें, उसे बेवजह परेशान करना राजधर्म में आता है ?
2002 के दंगो के बाद , गुजरात ने जिस रफ़्तार से प्रगति की है , इसका सारा श्रेय मोदी को जाता है , उस दंगे के बाद गुजरात में सभी धर्म के लोग सम्मान के साथ रह रहे है , क्यूंकि मोदी ने राजधर्म निभाया है ,लेकिन क्या कांग्रेस ने किसी भी आतंकवादी हमले से सबक ले कर उसे रोकने के कोई प्रयास किए ? फिर कौन सा राजधर्म निभाया है कांग्रेस ने? जो पार्टी कसाब, अफजल गुरु को फांसी से बचा रही है, आतंकवादियों की दामाद सी खिदमत कर रही है, जिस के प्रधानमंत्री सीबीआई को निर्देश दे रही है की, अल्पसंख्यक की भावनाओ को ठेस ना लगे जांच में, उसे कोई हक़ नहीं बनता की वो मोदी की बुराई करें, क्यूंकि मोदी ने राजधर्म निभाया है तभी आज गुजरात ने प्रगति की है, तभी अमेरिका ने लोहा माना है मोदी के प्रशासन का, तभी हर भारतीय आम आदमी, चाहता है मोदी को प्रधानमंत्री बनते देखना मोदी एक जमीन से जुडा व्यकतित्व है, मोदी एक सफल मुख्यमंत्री है, एक बेदाग़ नेता है, और वो किसी भी वर्तमान नेता से अच्छे और बेहतर तरीके से राजधर्म का निर्वाह कर सकता है, और देश की तरक्की पसंद आवाम एक मजबूत प्रधानमंत्री चाहती है, क्यूंकि उसने रिमोट से चलने वाले प्रधानमंत्री से होने वाले नुकसान देख लिए है, कभी तो मुस्लिम भाईओं को ये समझ में आएगा वो दिन कांग्रेस के पतन का दिन होगा अब फैसला सभी समुदाय के भाइयों आपके हाथ में है तो फैसला आप ही करे पहले देश या पहले धर्म

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