Tuesday, October 23, 2012

मेरी नन्ही सी परी, मेरी प्यारी परी



कभी ठुमक ठुमक, कभी मटक  मटक
वो  सारे घर में चलती  है
कभी पा, कभी पापा , कभी  पापा जी
मुझको हर वक़्त बुलाती रहती है ||
मेरी  नन्ही  सी  परी , मेरी  प्यारी  परी
मुझको   बहुत  प्यार  करती  है
गलती  हो  जाए   गर  उस  से  तो
थोडा  तो,  मुझसे  डरती  है ||
डांट  पड़ती  है  जब  उसको  मुझसे
तो  गंगा  जमुना  उसकी  आँखों  से  बहती  है
रोती  रहती  है  तब  बस  वो
बोल  कर  कुछ  न  कहती  है ||
सांस  ऊपर  की  ऊपर  नीचे  की  नीचे
उसकी  अटकी  रहती  है
चैन  नहीं  तब  तक   पड़ता  उसको
जब  तक  लाड (प्यार ) न  मुझसे  कर  लेती  है
फिर  धीरे – धीरे , वो  होले – होले
मेरी  गोदी  में  सिमटती  जाती  है
फिर  सकूं  मिलने  के  बाद
पहले  सी  चंचल  हो  जाती  है ||
वो  चंचल  परी , वो  नटखट  बड़ी
मेरी  बेटी , मेरी  प्यारी  सी  गुडिया  है
सदा  आशीष  रहे  भगवान्  की  उसपर
बस  यही , मेरी  दुआ   है
हरदम  यही  मेरी  दुआ  है ……

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