.......तुमने दिल की बात कह दी, आज ये अच्छा हुआ,
हम तुम्हें अपना समझते थे, बढा धोखा हुआ,
जब भी हमने कुछ कहा, उसका असर उल्टा हुआ,
आप शायद भूलते है, बारहा ऎसा हुआ,
.......
.......
आपकी आंखों में ये आंसू कहाँ से आ गये,
हम तो दिवाने है लेकिन आप को ये क्या हुआ,
अब किसी से क्या कहें इकबाल अपनी दास्तां,
बस खुदा का शुक्र है जो भी हुआ अच्छा हुआ,
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